tag:blogger.com,1999:blog-7679186240872452815.post3189751656403011497..comments2023-09-28T18:29:53.756+05:30Comments on tarz.e.byaaN: daanishhttp://www.blogger.com/profile/15771816049026571278noreply@blogger.comBlogger45125tag:blogger.com,1999:blog-7679186240872452815.post-89816688670069227232011-09-26T22:07:41.631+05:302011-09-26T22:07:41.631+05:30कुछ और नही बस शानदार .....कुछ और नही बस शानदार .....SARVESH TRIPATHIhttps://www.blogger.com/profile/05325487995979855157noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7679186240872452815.post-69933550138791582412009-12-17T14:39:14.422+05:302009-12-17T14:39:14.422+05:30मौसम की दावत है , अब तो , कुछ मनमानी कर लें उम्र ग...मौसम की दावत है , अब तो , कुछ मनमानी कर लें उम्र गुज़र जाने पर हासिल ये सौग़ात न होगी...<br /><br />bahut umda gazal hai...Rajat Narulahttps://www.blogger.com/profile/18074987075863492261noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7679186240872452815.post-76759465996542378072009-12-15T16:25:35.996+05:302009-12-15T16:25:35.996+05:30दिल की गहराई में जा कर भावनाओं को टटोलते हुए अनजान...दिल की गहराई में जा कर भावनाओं को टटोलते हुए अनजाने में ही बहुत कुछ कुरेद गयी . एक मार्मिक गहरी और बेहतरीन रचनारचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7679186240872452815.post-11877946924112951922009-12-06T19:19:03.946+05:302009-12-06T19:19:03.946+05:30उट्ठो , जागो , दुश्मन की हर हरक़त को पहचानो
क्या त...उट्ठो , जागो , दुश्मन की हर हरक़त को पहचानो<br />क्या तब तक ख़ामोश रहोगे जब तक घात न होगी?<br />यह तो एक शेर है लेकिन हकीकत यह है कि मेरे सामने समस्या थी कि आखिर किस-किस शेर की तारीफ की जाये. एक तो इतनी मुश्किल बहर, ऊपर से से ऐसे रदीफ़ और काफिये, लगता है प्रार्थी की रोजी रोटी पर संकट आ ही गया. मैं खुद को इस गजल के बाद बहुत कमतर महसूस कर रहा हूँ, जलन का एहसास हो रहा है. आखिर ऐसा मैं कब लिख पाऊँगा?सर्वत एम०https://www.blogger.com/profile/15168187397740783566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7679186240872452815.post-10202285646953180872009-12-06T17:36:11.020+05:302009-12-06T17:36:11.020+05:30एक झलक, बस एक झलक, बस एक झलक हसरत है
दीद की प्यासी...एक झलक, बस एक झलक, बस एक झलक हसरत है<br />दीद की प्यासी आंखों को कब तक खैरात न होगी?<br />दिल का दर्द घनेरा अब आंखों तक घिर आया है<br />बादल दूर न होंगे अब , जब तक बरसात न होगी.. <br />बहुत खूबसूरत ग़ज़ल लिखा है आपने जो काबिले तारीफ है! हर एक पंक्तियाँ लाजवाब है! दिल को छू गई आपकी ये शानदार ग़ज़ल!Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7679186240872452815.post-82888030371006628422009-12-05T11:58:32.379+05:302009-12-05T11:58:32.379+05:30अब पहले-सा वक्त नहीं , खुश-फ़हमी में मत रहना
सच क...अब पहले-सा वक्त नहीं , खुश-फ़हमी में मत रहना <br />सच की राह पे चल दोगे, तो तुम को मात न होगी <br /><br />दिल का दर्द घनेरा अब आंखों तक घिर आया है <br />बादल दूर न होंगे अब , जब तक बरसात न होगी<br /><br />Amazingly beautiful..Muflis ji....!!<br /><br />second one to simply wow!! wd fantastic depth Ria Sharmahttps://www.blogger.com/profile/07417119595865188451noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7679186240872452815.post-12256189172433101552009-12-04T22:42:41.195+05:302009-12-04T22:42:41.195+05:30जनाब 'मुफलिस' साहब,
गज़ल के हर शेर की बाबत ...जनाब 'मुफलिस' साहब,<br />गज़ल के हर शेर की बाबत टिप्पणियों में इतना कुछ लिखा जा चुका है, <br />कि हमारे लिये कोई गुंजाइश ही नहीं रह गयी है...<br />मुआफ कीजिये, इस बाबत आपसे ही शिकायत करने की गुस्ताखी कर रहा हूं..<br />(इंसानी फितरत है, अपनी गलती आसानी से कौन मानता है)<br />वैसे मैं भी नजर रखूंगा, हो सके तो ई-मेल से नई पोस्ट की इत्तला देने की मेहरबानी फरमाते रहें<br />इनायत होगी..<br />शाहिद मिर्ज़ा शाहिद<br />shahidmirzashahid@gmail.comशाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद''https://www.blogger.com/profile/09169582610976061788noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7679186240872452815.post-19765413552814156832009-12-03T19:04:31.533+05:302009-12-03T19:04:31.533+05:30दिनों बाद मुफ़लिस जी की ग़ज़ल...अहा! और क्या ग़ज़ल बुनी...दिनों बाद मुफ़लिस जी की ग़ज़ल...अहा! और क्या ग़ज़ल बुनी है सर...<br /><br />लेकिन पहले की बात पहले। वक्त की तंगी तो समझ में आती है, लेकिन मन का खालीपन..???<br />सोच रहा हूँ कि मैं क्या करूँ.....क्या कर सकता हूँ। वो फोन पे निपटूंगा खैर..<br /><br />ग़ज़ल का मतला...शायद अभी तक के मेरे द्वारा पढ़े गये तमाम ग़ज़लों में सबसे जबरदस्त मतला है। सारी तारिफ़ों से परे है गुरूवर...दिल से कह रहा हूँ। रटने लायक, जगह-जग उद्धत करने लायक मतला...तो मैंने रट लिया है।<br /><br />फिर उम्र गुजर जाने पर हासिल ये सौगात न होगी वाला मिस्रा तो हाय रेsssss...<br /><br />फिर दीद की प्यासी आँखों वाला शेर....बहुत खूब सर, इतना कि वाह-वाह हमारी चीख बन कर इधर कश्मीर से लुधियाने तक पहुँच रही होगी।<br /><br />बादल दूर न होंगे का दर्द उभर कर आ रहा है। फिर मनु जी की टिप्पणी से इसे जोड़ कर भी देखता हूँ....और मौन रह जाता हूँ।<br /><br />मक्त हमेशा की तरह जबरदस्त।<br /><br />अर्से बाद एक लाजवाब ग़ज़ल पढ़ने को मिली है।<br /><br />आप ठीक हैं ना?गौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7679186240872452815.post-74642030746151597292009-12-02T09:58:11.465+05:302009-12-02T09:58:11.465+05:30हरकीरत जी के कमेन्ट से मालूम पड़ा की जनाब का जनम द...हरकीरत जी के कमेन्ट से मालूम पड़ा की जनाब का जनम दिन भी था लेकिन कब था इसका हमें अंदाज़ा नहीं था चलो कोई बात नहीं देर आये दुरुस्त आये वाली कहावत मानते हुए अब कह देते हैं..." मुबारकां जी जनम दिन दियां लख लख मुबारकां....ज्युन्दे रवो ते दिलकश गज़लां लिखते रवो "<br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7679186240872452815.post-33372155083473793592009-12-02T09:51:26.607+05:302009-12-02T09:51:26.607+05:30हुज़ूर दिल का खाली पन कोई अच्छी बात नहीं है लेकिन ...हुज़ूर दिल का खाली पन कोई अच्छी बात नहीं है लेकिन अगर दिल का खानी पन ऐसी खूबसूरत ग़ज़लों को जन्म दे तो यक़ीनन अच्छी बात है...जिस ग़ज़ल का हर शेर सवा शेर हो उसके बारे में क्या कहूँ...कलम चूमने को जी चाहता है आपकी...<br /> मौसम की दावत है , आओ , कुछ मनमानी कर लें <br />उम्र गुज़र जाने पर हासिल ये सौग़ात न होगी <br />****<br />एक झलक, बस एक झलक, बस एक झलक हसरत है <br />दीद की प्यासी आंखों को कब तक खैरात न होगी? <br />****<br />दिल का दर्द घनेरा अब आंखों तक घिर आया है <br />बादल दूर न होंगे अब , जब तक बरसात न होगी<br /><br />सरकार मेरे मकते में दिल लूट लिया है आपने...वाह...बात कहने का ये खूबसूरत अंदाज़ किसी को भी आपका दीवाना बना सकता है फिर हम तो चीज ही क्या हैं...बेहतरीन ग़ज़ल के लिए दिली दाल कबूल फरमाएं जनाब और दिल के खाली पन को भरने की कोशिश भी न करें....पाठकों पर मेहरबानी होगी....:))<br /><br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7679186240872452815.post-90275794674628443092009-12-01T23:41:08.277+05:302009-12-01T23:41:08.277+05:30utho jaago ..............
kya ik aisa...............utho jaago ..............<br /><br />kya ik aisa.............<br /><br />bahut khoob ,inshaallah aisa waqt zaroor ayega ,shayad shruaat ho chuki hai .इस्मत ज़ैदीhttps://www.blogger.com/profile/09223313612717175832noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7679186240872452815.post-70444851798678333172009-11-29T09:09:50.875+05:302009-11-29T09:09:50.875+05:30aur haan....!!!
QAISER saahib ko salaam kahiyegaa...aur haan....!!!<br /><br />QAISER saahib ko salaam kahiyegaa....manuhttps://www.blogger.com/profile/11264667371019408125noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7679186240872452815.post-63651527507760923042009-11-29T09:08:37.852+05:302009-11-29T09:08:37.852+05:30दिल का दर्द घनेरा अब आंखों तक घिर आया है
बादल दूर...दिल का दर्द घनेरा अब आंखों तक घिर आया है <br />बादल दूर न होंगे अब , जब तक बरसात न होगी <br /><br />इस शे'र का दर्द काफी पहले महसूस कर चुकें है हम...<br />जब ये हुआ था उसी दिन....sms पर उस दिन भी मन उदास हो गया था....<br /><br /> एक झलक, बस एक झलक, बस एक झलक हसरत है <br />दीद की प्यासी आंखों को कब तक खैरात न होगी? <br />इस के साथ ही याद आ गयी ....जनाब कैसर साहिब की.......<br /><br />आ गए आप सामने मेरे...<br />अब मेरी जान जान में आई.....<br />उनका ये शे'र तब से जहाँ से नहीं गया.....<br /><br />वैसी ही कैफियत आपके शे'र में भी महसूस कर रहा हूँ....<br /><br />और ये शिकस्ता बह्र,,,,,<br />इसने वो दिन याद दिला दिए...प्राची के पार वाले.....<br />एक शे'र हमने भी कहा था .....<br /><br />सो कैसे पायेंगे हम सरहद पर जो गौतम की..<br />हाथ में ले गांडीव अगर टुकड़ी तैनात न होगी.....<br /><br />इस गजल को पोस्ट करने का विशेष रूप से आभार.....!!!!!!!!!!<br /><br />देरी इसी लिए हो गयी के इसे पढ़ते पढ़ते दिल प्राची के पार चला जता था....और कमेन्ट रह जाता था......manuhttps://www.blogger.com/profile/11264667371019408125noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7679186240872452815.post-44883898422817401762009-11-28T13:01:30.275+05:302009-11-28T13:01:30.275+05:30मौसम की दावत है , आओ , कुछ मनमानी कर लें
उम्र गुज़...<i>मौसम की दावत है , आओ , कुछ मनमानी कर लें<br />उम्र गुज़र जाने पर हासिल ये सौग़ात न होगी <br /><br />दिल का दर्द घनेरा अब आंखों तक घिर आया है<br />बादल दूर न होंगे अब , जब तक बरसात न होगी<br /><br />रास नहीं आई तुझको रिश्तों की तल्ख़ हक़ीक़त<br />ऐसी ख़ुद से भी दूरी 'मुफ़लिस' बिन बात न होगी </i><br /><br />यह शेर बहुत पसंद आए. आपकी अगली गज़ल का इंतज़ार रहेगा.Milind Phansehttps://www.blogger.com/profile/02636358796782148973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7679186240872452815.post-65104914599372085562009-11-27T15:18:13.686+05:302009-11-27T15:18:13.686+05:30रास नहीं आई तुझको रिश्तों की तल्ख़ हक़ीक़त
ऐसी ख़ुद ...रास नहीं आई तुझको रिश्तों की तल्ख़ हक़ीक़त <br />ऐसी ख़ुद से भी दूरी 'मुफ़लिस' बिन बात न होगी <br />--वाह क्या शेर है।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7679186240872452815.post-90902802710375856172009-11-27T12:05:57.478+05:302009-11-27T12:05:57.478+05:30उट्ठो , जागो , दुश्मन की हर हरक़त को पहचानो
क्या त...उट्ठो , जागो , दुश्मन की हर हरक़त को पहचानो<br />क्या तब तक ख़ामोश रहोगे जब तक घात न होगी?<br /><br />क्या इक ऐसा दौर भी होगा , वो युग भी आयेगा<br />इन्सां की पहचान जहाँ , मज़हब या ज़ात न होगी !<br /><br />पूरी की पूरी गज़ल ही खूबसूरत है पर आज के हालात में ये दो एकदम सही बैठते हैं । आभार ।.Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7679186240872452815.post-27615534791392210092009-11-26T20:01:16.712+05:302009-11-26T20:01:16.712+05:30सर यहीं हूं बस पुरानी बीमारी अपनी गिरफ्त में लिये ...सर यहीं हूं बस पुरानी बीमारी अपनी गिरफ्त में लिये हुए है कि कम्पूटर से जी भाग रहा है और यही कारण है कि आज आपकी ख़ूबसूरत ग़ज़ल भी मन को बांध नहीं पा रही है. माफी की प्रार्थना के साथ....संजीव गौतमhttps://www.blogger.com/profile/04495238607820943010noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7679186240872452815.post-30904117144796871802009-11-26T18:50:13.894+05:302009-11-26T18:50:13.894+05:30मुफ़लिस जी
देश और मन की कई समस्याओं को समेटकर चल ...मुफ़लिस जी <br />देश और मन की कई समस्याओं को समेटकर चल रही आपकी ग़ज़ल .padmja sharmahttps://www.blogger.com/profile/13769345678224469008noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7679186240872452815.post-59270027625454272552009-11-26T16:46:13.076+05:302009-11-26T16:46:13.076+05:30क्या इक ऐसा दौर भी होगा , वो युग भी आयेगा
इन्सां ...क्या इक ऐसा दौर भी होगा , वो युग भी आयेगा <br />इन्सां की पहचान जहाँ , मज़हब या ज़ात न होगी !<br />एक झलक, बस एक झलक, बस एक झलक हसरत है <br />दीद की प्यासी आंखों को कब तक खैरात न होगी? <br />behad khoobsurat panktiyaan ,padhkar man prasnn ho gayaज्योति सिंहhttps://www.blogger.com/profile/14092900119898490662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7679186240872452815.post-35248695442336976412009-11-26T16:40:32.421+05:302009-11-26T16:40:32.421+05:30उट्ठो , जागो , दुश्मन की हर हरक़त को पहचानो
क्या त...उट्ठो , जागो , दुश्मन की हर हरक़त को पहचानो<br />क्या तब तक ख़ामोश रहोगे जब तक घात न होगी? <br />खूब लिखा है।Rajeyshahttps://www.blogger.com/profile/01568866646080185697noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7679186240872452815.post-32853682028009236632009-11-26T10:41:10.544+05:302009-11-26T10:41:10.544+05:30दिल का दर्द घनेरा अब आंखों तक घिर आया है
बादल दूर...दिल का दर्द घनेरा अब आंखों तक घिर आया है <br />बादल दूर न होंगे अब , जब तक बरसात न होगी <br /><br />jai ho guru ji , ye sher -- special effects by Muflis saheb hai .. meri dil se mubarakbaad , deri se aane ke liye maafi .. aap to sab jaante hi hai .. aur haan janmdin ki bhi badhai .. meri taraf se ek glass matmaila paani ka .. meri agli poem aapko nazar karta hoon ..<br /><br />aapka <br />vijayvijay kumar sappattihttps://www.blogger.com/profile/06924893340980797554noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7679186240872452815.post-49963212029082964082009-11-25T21:24:51.694+05:302009-11-25T21:24:51.694+05:30उट्ठो , जागो , दुश्मन की हर हरक़त को पहचानो
क्या त...उट्ठो , जागो , दुश्मन की हर हरक़त को पहचानो<br />क्या तब तक ख़ामोश रहोगे जब तक घात न होगी..<br /><br />क्या खूब लिखा है मिफलिस जी....बहुत ही बढिया लगी ये गजल ।<br /><br />आपको जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई और उज्जवल भविष्य हेतु हार्दिक शुभकामनाऎँ!!!!Pt. D.K. Sharma "Vatsa"https://www.blogger.com/profile/05459197901771493896noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7679186240872452815.post-84835556288618748212009-11-25T20:34:49.978+05:302009-11-25T20:34:49.978+05:30मुफ़लिस जी, जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ.मुफ़लिस जी, जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ.डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7679186240872452815.post-60163238323597782822009-11-25T20:20:01.525+05:302009-11-25T20:20:01.525+05:30मौसम की दावत है , आओ , कुछ मनमानी कर लें
उम्र गुज...मौसम की दावत है , आओ , कुछ मनमानी कर लें <br />उम्र गुज़र जाने पर हासिल ये सौग़ात न होगी <br />बहुत सही बात कही है ...<br />जो कुछ है आज है , कल किसने देखा है ...ये पल नसीब हो न हो ...<br />इसी पल को जश्न बना लें ...<br />जन्मदिन की बहुत बहुत बधाइयाँ ...Renu goelhttps://www.blogger.com/profile/13517735056774877294noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7679186240872452815.post-27308741849578610432009-11-25T17:34:35.915+05:302009-11-25T17:34:35.915+05:30मुफलिस जी आपका अंदाजे बयां वाकई कमाल का है। हमारी ...मुफलिस जी आपका अंदाजे बयां वाकई कमाल का है। हमारी ओर से आपको बहुत बहुत बधाई।<br /><br />------------------<br /><a href="http://ts.samwaad.com/" rel="nofollow">क्या है कोई पहेली को बूझने वाला?</a><br /><a href="http://sb.samwaad.com/" rel="nofollow">पढ़े-लिखे भी होते हैं अंधविश्वास का शिकार।</a>Arshia Alihttps://www.blogger.com/profile/14818017885986099482noreply@blogger.com