tag:blogger.com,1999:blog-7679186240872452815.post6983024509330965274..comments2023-09-28T18:29:53.756+05:30Comments on tarz.e.byaaN: daanishhttp://www.blogger.com/profile/15771816049026571278noreply@blogger.comBlogger26125tag:blogger.com,1999:blog-7679186240872452815.post-14181488425549550732010-01-14T09:50:05.953+05:302010-01-14T09:50:05.953+05:30'जियें इंसान सब इंसान ही बन कर
बहुत अब हो चुके...'जियें इंसान सब इंसान ही बन कर<br />बहुत अब हो चुके अवतार , ओ साथी'<br />- वाह!बहुत ही उम्दा बात कही है!<br /><br />-ग़ज़ल बहुत ही प्रभावी है.<br />नये साल की बहुत बहुत शुभकामनाएँ आप को भी.Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7679186240872452815.post-45274631359641221012010-01-13T21:52:51.425+05:302010-01-13T21:52:51.425+05:30... बेहद प्रभावशाली व प्रसंशनीय गजल !!!!... बेहद प्रभावशाली व प्रसंशनीय गजल !!!!कडुवासचhttps://www.blogger.com/profile/04229134308922311914noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7679186240872452815.post-54683548015429057292010-01-13T12:08:01.779+05:302010-01-13T12:08:01.779+05:30इस बेहतरीन रचना के लिए
बहुत बहुत बधाई .............इस बेहतरीन रचना के लिए <br />बहुत बहुत बधाई ......................Pushpendra Singh "Pushp"https://www.blogger.com/profile/14685130265985651633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7679186240872452815.post-70007886514751079132010-01-11T14:03:46.996+05:302010-01-11T14:03:46.996+05:30आपके मुबारक कदम मेरे गरीब खाने में पड़े ,खुशामदीद
...आपके मुबारक कदम मेरे गरीब खाने में पड़े ,खुशामदीद<br /><br />इस ग़ज़ल के रूप में की गयी दुआएं भगवान् स्वीकार करें .......alka mishrahttps://www.blogger.com/profile/01380768461514952856noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7679186240872452815.post-31135176913764330612010-01-11T13:20:41.918+05:302010-01-11T13:20:41.918+05:30चलो, नफ़रत का हर जज़्बा मिटा कर हम
मुहोब्बत का करें...चलो, नफ़रत का हर जज़्बा मिटा कर हम<br />मुहोब्बत का करें इज़हार , ओ साथी <br /><br />जियें इंसान सब इंसान ही बन कर<br />बहुत अब हो चुके अवतार , ओ साथी <br /><br />नव वर्ष का एक बहुत बेहतरीन तोहफारचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7679186240872452815.post-58311653357255637122010-01-09T20:12:28.085+05:302010-01-09T20:12:28.085+05:30चलो, नफ़रत का हर जज़्बा मिटा कर हम
मुहोब्बत का करें...चलो, नफ़रत का हर जज़्बा मिटा कर हम<br />मुहोब्बत का करें इज़हार , ओ साथी<br /><br />जियें इंसान सब इंसान ही बन कर<br />बहुत अब हो चुके अवतार , ओ साथी <br />वाह लाजवाब और नये साल मे सही सन्देश । आपको टिप्पणी करते हुये संकोच होता है मेरी कलम इतनी सशक्त नहीं है इस लिये। <br />बहुत देर से आने के लिये क्षमा चाहती हूँ कई दिन बाद 2-3 दिन से ही सक्रिय हुई हूँ । आपको नये साल की बहुत बहुत शुभकामनायेंनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7679186240872452815.post-61425019941758294552010-01-08T15:26:52.207+05:302010-01-08T15:26:52.207+05:30करें 'मुफ़लिस' यही अब प्रार्थना मिल कर
चमन...करें 'मुफ़लिस' यही अब प्रार्थना मिल कर<br />चमन अपना रहे गुलज़ार , ओ साथी...<br />bahut sundar rchnaa hai ! hm bhi duaa karte hain........<br />चमन अपना रहे गुलज़ार , ओ साथी !<br />nyaa sal mubaark !ushmahttps://www.blogger.com/profile/16614535125485445425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7679186240872452815.post-13109902548680519412010-01-07T15:29:34.543+05:302010-01-07T15:29:34.543+05:30मुफ़लिस जी ....... मैं पिछले कुछ दिनो से नेट पर न...मुफ़लिस जी ....... मैं पिछले कुछ दिनो से नेट पर नही आया और आपकी इस लाजवाब ग़ज़ल से महरूम रह गया .......... आपको और आपके परिवार को नये साल की बहुत बहुत मुबारक ............दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7679186240872452815.post-85465261580558288992010-01-06T22:41:06.742+05:302010-01-06T22:41:06.742+05:30जियें इंसान सब इंसान ही बन कर
बहुत अब हो चुके अवता...जियें इंसान सब इंसान ही बन कर<br />बहुत अब हो चुके अवतार , ओ साथी <br /><br />मुफलिस जी,<br />आपकी ग़ज़ल की तारीफ जब इतने वड्डे-वड्डे ग़ज़लगो कर चुके हैं...तो हम क्या कहें ??<br />आपकी लेखनी के तो सभी क़ायल हैं...<br />बहुत खूबसूरत है आपकी कलम...और क़लाम..स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7679186240872452815.post-33907037006337856332010-01-05T21:15:18.073+05:302010-01-05T21:15:18.073+05:30आह, ये हुई न ब्लौगिंग!! ये हुई न टिप्पणियां, जिसके...आह, ये हुई न ब्लौगिंग!! ये हुई न टिप्पणियां, जिसके लिये हम सदा तरसते रहते हैं। सर्वत साब और मनु जी की जय हो...!!!<br /><br />आपकी ये ग़ज़ल पहले कहाँ पढ़ी मैंने गुरुवर? कहीं छपी है ना?<br /><br />मतला और हुस्ने-मतला ग़ज़ब का बना है। "बहुत अब हो चुके अवतार ओ साथी" क्या बात कही है सर जी। मजा आ गया...<br /><br />और "मिले हर सोच के आकार" की प्रार्थना में हम भी शामिल हैं आपके संग।गौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7679186240872452815.post-15009821003625560412010-01-05T19:46:57.577+05:302010-01-05T19:46:57.577+05:30करें कोशिश यही, हर ख़्वाब हो पूरा
मिले हर सोच को आक...करें कोशिश यही, हर ख़्वाब हो पूरा<br />मिले हर सोच को आकार , ओ साथी<br /><br />bahut achchi soch ke saath aapne nav varsh ka swagat kiya hai<br />nav varsh ki hardik shubhkamanaश्रद्धा जैनhttps://www.blogger.com/profile/08270461634249850554noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7679186240872452815.post-17035700346561468372010-01-04T22:43:02.230+05:302010-01-04T22:43:02.230+05:30लगन, मेहनत की राहें सख्त हैं, माना
कभी मानें नहीं ...लगन, मेहनत की राहें सख्त हैं, माना<br />कभी मानें नहीं हम हार , ओ साथी <br /><br />करें 'मुफ़लिस' यही अब प्रार्थना मिल कर<br />चमन अपना रहे गुलज़ार , ओ साथी<br /><br /><br /><br />मुफलिस जी sadgi bhari duaayein .....jitna paak saaf आपका dil है utani paakizgi aapki duaaon mein भी dikh rahi है .....rabb aapki duaaon par mehar kare .....aamin ....!!हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7679186240872452815.post-15542592436711423542010-01-04T16:14:11.018+05:302010-01-04T16:14:11.018+05:30muflis sahab apko naya sal mubarak ho aur apki kah...muflis sahab apko naya sal mubarak ho aur apki kahi ankahi saari duaen baargahe rabbulizzat men qubool hon ameen.<br /><br />ghazal ka har lafz apni sachchai bayan kar raha hai ,mubarak hoइस्मत ज़ैदीhttps://www.blogger.com/profile/09223313612717175832noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7679186240872452815.post-63939824440047729922010-01-03T21:32:08.962+05:302010-01-03T21:32:08.962+05:30एक उम्मीदों से भरे नये साल की इब्तिदा करने के लिये...एक उम्मीदों से भरे नये साल की इब्तिदा करने के लिये इससे बेहतर अशआर और कहीं मिल भी नही सकते थे..<br />और यह शे’र तो वक्त के सफ़हों के बीच संजो कर रखने लायक है<br />जियें इंसान सब इंसान ही बन कर<br />बहुत अब हो चुके अवतार , ओ साथी <br /><br />इस प्रार्थना मे हमारा मामूली स्वर भी शामिल माने..अपूर्वhttps://www.blogger.com/profile/11519174512849236570noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7679186240872452815.post-91548297471101598672010-01-03T20:50:20.270+05:302010-01-03T20:50:20.270+05:30जी , मनुजी ...
आपने दुरुस्त फरमाया
रवानी में कमी ...जी , मनुजी ...<br />आपने दुरुस्त फरमाया <br />रवानी में कमी तो सर्वत जी की ज़ाती राए है <br />दोनों बहरों में रवानी क़ायम है,,,रवां-दवाँ है <br />दरअस्ल....<br />(म.फा.ई.लुन X ३) <br />और <br />(म.फा.ई.लुन.+म.फा.ई.लुन+फ.ऊ.लुन)<br />दोनों की अपनी खासियत है <br />एक सालिम बहर है <br />और दूसरी में ज़िहाफ़ का इस्तेमाल है ,,बस<br />तकनीकी नज़रिए से 'इस' बेहर को निभा पाना कोई आसान काम नहीं ,,,<br />लफ्ज़ ख़ुद फिसलने या फैलने की <br />कोशिश करते हैं ,,,<br />संजोना पड़ता है .......<br />खैर ,,,,अन्य तब्सिरों का इंतज़ार रहेगा <br />स्वागत है .daanishhttps://www.blogger.com/profile/15771816049026571278noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7679186240872452815.post-80131493188287323232010-01-03T19:51:16.792+05:302010-01-03T19:51:16.792+05:30नये साल में आपकी लेखनी और परवान चढे ।नये साल में आपकी लेखनी और परवान चढे ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7679186240872452815.post-35725072976500125882010-01-03T19:48:11.927+05:302010-01-03T19:48:11.927+05:30आमीन ! सारे शेर बहुत सुंदर, पूरी गज़ल ही आशा का
सं...आमीन ! सारे शेर बहुत सुंदर, पूरी गज़ल ही आशा का<br />संचार करती हुई ।<br /><br />चलो, नफ़रत का हर जज़्बा मिटा कर हम<br />मुहोब्बत का करें इज़हार , ओ साथी<br /><br />जियें इंसान सब इंसान ही बन कर<br />बहुत अब हो चुके अवतार , ओ साथी <br />बढिया ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7679186240872452815.post-65232263341841892192010-01-03T08:28:23.020+05:302010-01-03T08:28:23.020+05:30नया साल मुबारक हो सभी को.....
मफाईलुन मफाईलुन मफा...नया साल मुबारक हो सभी को.....<br /><br />मफाईलुन मफाईलुन मफाईलुन.........<br /> <br />एकदम बेखटका ग़ज़ल मुफलिस जी......<br />इसमें फऊलुन तो है ही नहीं..जिसे जबरदस्ती मफाईलुन बनाने की बात हो....!<br />आज काफी दिन बाद ग़ज़ल की बात की है हमने....<br />हो सकता है के इतने दिनों में कुछ भूल भाल गए हों....<br /><br />इसीलिए सर्वत जी से माफ़ी मांगते हैं....<br /><br />सर्वत जी...<br />खटके वाली ग़ज़ल पढनी हो तो इस बार हमारे ब्लॉग पे आइये.....<br />हमने डाली है खटकती ग़ज़ल...<br />:)<br />:)<br />एक बार फिर से सभी को नया साल मुबारक हो....<br />बहुत बहुत मुबारक हो.....<br /><br />नया साल आये तो ऐसा ही अब आये....<br />जी हुज़ूऊऊउर.manuhttps://www.blogger.com/profile/11264667371019408125noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7679186240872452815.post-46006423135437737312010-01-02T01:29:59.353+05:302010-01-02T01:29:59.353+05:30सही लिखा है हम इन्सान बने रहें यही अच्छा है. एक अच...सही लिखा है हम इन्सान बने रहें यही अच्छा है. एक अच्छा इन्सान बनना बहुत बड़ी बात होती है.<br />आपको भी नववर्ष की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!!muktihttps://www.blogger.com/profile/17129445463729732724noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7679186240872452815.post-47984933233913695112010-01-01T18:53:31.364+05:302010-01-01T18:53:31.364+05:30सबसे पहले साल-ए-नव पर मुबारकां, बधाइयाँ और बेशुमार...सबसे पहले साल-ए-नव पर मुबारकां, बधाइयाँ और बेशुमार प्यार. बात इस गजल के अशआर की. वाकई जरूरत इन्हीं दुआओं की है आज के समाज को. इंसानियत को जितना नीचे गिराया जा चुका है, अब जरूरत है उसे उसका मकाम वापस दिलाने की. मैं इस गजल के एक एक लफ्ज़ से इत्तिफाक रखता हूँ.<br />लेकिन, अगर ये अशआर मैं ने कहे होते तो मुफाईलुन मुफाईलुन फऊलुन में ही कहता. मुआफी की दरख्वास्त है लेकिन इस बहर/वजन में रवानी है, जबकि ३ मुफाईलुन में रवानी मजरूह हो रही है. फऊलुन को को कहीं कहीं जबरन मुफाईलुन बनाना पड़ा है, ऐसा मुझे महसूस होता है, हो सकता है मैं गलतफहमी का शिकार हूँ.<br />मुफलिस भाई, शायद आप ने भी महसूस किया होगा कि मेरा बताया (मैं उस्ताद नहीं हूँ) वजन शायद बढ़िया काम करता. मुझे चूंकि कुछ शेर चेष्टित लगे इस लिए बार बार यही एहसास कचोट रहा था , काश २ मात्राएँ कम होतीं.<br />एक बार फिर नए साल की मुबारकबाद.सर्वत एम०https://www.blogger.com/profile/15168187397740783566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7679186240872452815.post-68736962216404045592010-01-01T17:40:40.515+05:302010-01-01T17:40:40.515+05:30बहुत सुन्दर अल्फाजों से सजी रचना।
भाव भी अति सुन्...बहुत सुन्दर अल्फाजों से सजी रचना। <br />भाव भी अति सुन्दर। <br />नव वर्ष से यही आशाएं हैं। <br />मुफलिस जी, नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7679186240872452815.post-38230116392556706862010-01-01T14:40:48.686+05:302010-01-01T14:40:48.686+05:30सुंदर गजल कही है।
नव वर्ष की अशेष कामनाएँ।
आपके स...सुंदर गजल कही है।<br /><br />नव वर्ष की अशेष कामनाएँ।<br />आपके सभी बिगड़े काम बन जाएँ।<br />आपके घर में हो इतना रूपया-पैसा,<br />रखने की जगह कम पड़े और हमारे घर आएँ।<br />--------<br /><a href="http://za.samwaad.com/" rel="nofollow">2009 के ब्लागर्स सम्मान हेतु ऑनलाइन नामांकन</a><br /><a href="http://sb.samwaad.com/" rel="nofollow">साइंस ब्लॉगर्स असोसिएशन के पुरस्कार घोषित।</a>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7679186240872452815.post-87306091526321640722010-01-01T12:24:14.822+05:302010-01-01T12:24:14.822+05:30खुबसूरत रचना आभार
नव वर्ष की हार्दिक शुभ कामना...खुबसूरत रचना आभार <br /> नव वर्ष की हार्दिक शुभ कामनाएं ................Pushpendra Singh "Pushp"https://www.blogger.com/profile/14685130265985651633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7679186240872452815.post-15482556705479367092010-01-01T09:46:08.845+05:302010-01-01T09:46:08.845+05:30लगन, मेहनत की राहें सख्त हैं, माना
कभी मानें नहीं ...लगन, मेहनत की राहें सख्त हैं, माना<br />कभी मानें नहीं हम हार , ओ साथी<br /><br />करें 'मुफ़लिस' यही अब प्रार्थना मिल कर<br />चमन अपना रहे गुलज़ार , ओ साथी<br /><br />नव वर्ष २०१० की हार्दिक मंगलकामनाएं. ईश्वर २०१० में आपको और आपके परिवार को सुख समृद्धि , धन वैभव ,शांति, भक्ति, और ढेर सारी खुशियाँ प्रदान करें . योगेश वर्मा "स्वप्न"Yogesh Verma Swapnhttps://www.blogger.com/profile/01456159788604681957noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7679186240872452815.post-10029462651773622132010-01-01T08:35:54.196+05:302010-01-01T08:35:54.196+05:30आपको नव वर्ष 2010 की हार्दिक शुभकामनाएं।आपको नव वर्ष 2010 की हार्दिक शुभकामनाएं।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.com