Saturday, December 31, 2011

नई दस्तक, नए आसार ओ साथी
सँवर जाने को हैं तैयार ओ साथी
नया साल आए, तो ऐसा ही अब आए
मने, हर दिल में ही त्यौहार ओ साथी

सभी साथियों को
नव वर्ष - २०१२ के लिए
ढेरों शुभकामनाएँ

दुआ है, कि आने वाला ये साल
आप सब के लिए
नई उम्मीदें
नए रास्ते
नई मंज़िलें
नई सफलताएँ लेकर आए...
आप सब खुश रहें ,
खुशहाल रहें
और...अपनी साहित्यिक रुचियों के साथ
यूं ही बने रहें,,जुड़े रहें
आमीन !!

"दानिश"
(डी के सचदेवा)

Wednesday, December 14, 2011

जीवन में निरंतरता, जीवन की ही द्योतक है, जीवन का ही पर्याय है
प्रत्येक प्रकार की रचना-प्रक्रिया इसीलिए ही संभव हो पाती है
लेकिन रचनात्मकता का प्रभाव, विराम के क्षणों में भी
रहता है....-विराम या विश्राम के पलों का अपना महत्त्व है .
और अब....

शब्दों का एक जुड़ाव-सा हुआ है, प्रस्तुत करा रहा हूँ ...



बस, इतना तो है ही


यूं ही कहीं
तनहाई के किन्हीं खाली पलों में
ख़यालात के कोरे पन्नों पर
जब
खिंचने लगें
कुछ आड़ी-तिरछी सी लक़ीरें
बुन-सा जाए
यादों का इक ताना-बाना
रचने लगे
इक अपनी-सी दुनिया

.... ......
फिर वह सब ...
कोई कविता , गीत , ग़ज़ल
हो न हो...
बस इतना तो है ही
ख़ुद से मुलाक़ात का
इक बहाना तो हो ही जाता है .

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