शेक्सपियर ने कहा था ..."व्हाट इज़ इन द नेम ( नाम में क्या रखा है)"
उनका ये कथन बहुत जल्द एक मुहावरा-सा बन गया,,,
फिर कई सालों बाद स्विटज़रलैंड के किसी रचनाकार से बात करते हुए
विख्यात लेखक खुशवंत सिंह ने कहा.. "नाम ही में बहुत कुछ रक्खा है"
ये कथ्य बस स्तम्भ-लेख का हिस्सा भर रहा...
गुलज़ार साहब का मानना ये रहा कि "नाम गुम जाएगा...."
और एक ये लोकोक्ति "नाम बड़े और दर्शन छोटे.."
अदाकारा मीना कुमारी (मरहूम) फरमाती थीं ...
"आगाज़ तो होता है,अंजाम नहीं होता, जब मेरी कहानी में वो नाम नहीं होता॥"
और जावेद अनवर साहब ने उषा खन्ना के संगीत में रफ़ी जी से गवाया
"तुम भी कुछ अच्छा-सा रख लो अपने दीवाने का नाम..."
और नाम के सिलसिले में मुफ़लिस और दानिश दोनों का ये मानना है
"किरदार अहम् है दुनिया में , ये नाम बदलते रहते हैं..."
आज दानिश को आपके रु.ब.रु करते हुए मैं ये कुछ अलफ़ाज़
आप सब के सुपुर्द करता हूँ .......
उम्र के हर मोड़ पर हमने दिए क्या-क्या जवाब
उम्र भर उसके सवालों की न शिद्दत कम हुई
आज भी चुकता नहीं हो पाया क़र्ज़ा ज़ीस्त का
घट गया है और इक दिन , और मोहलत कम हुई
"दानिश" भारती
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क़र्ज़ा = क़र्ज़
शिद्दत = तीव्रता
जीस्त = ज़िन्दगी
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53 comments:
बहुत खूब ....और नाम पर लिखी भूमिका बहुत अच्छी लगी .
आपके ब्लॉग पर आपकी कई पोस्टें पढ़ गया. आपका लेखन और आपसे परिचय दोनों अच्छा लगा
बहुत खूबसूरत मुफ़लिस जी
अरे हां ’दानिश’ जी
चलिए नाम में क्या रखा है...
त’आरुफ़ का बेहतरीन अंदाज़ है दानिश साहब ,
अब तख़ल्लुस ’सार्थक’ हुआ
लेकिन
घट गया है और इक दिन , और मोहलत कम हुई
इस हक़ीक़त बयानी की ज़रूरत थी क्या?????
उम्र के हर मोड़ पर हमने दिए क्या-क्या जवाब
उम्र भर उसके सवालों की न शिद्दत कम हुई
बहुत ख़ूब !
danish saab .... naam ko lekar apni bhoomika khub baandhi hai aapne ... aur aapke ye alfaaz bahut khubsurat shakl men hain....
sadar
आदरणीय "दानिश" भारती जी
नमन ! स्वागत !
एक बार तो चक्कर में पड़ गया … पुरानी पोस्ट्स भी देखी … सर्वत्र रूप परिवर्तन हो चुका है … यानी
"किरदार अहम है दुनिया में , ये नाम बदलते रहते हैं …"
हां , दो-चार मुलाकातें नहीं होंगी तब तक कुछ मतिभ्रम तो रह सकता है , दो-चार पल के लिए
आदत तो जाते जाते जाएगी …
बहरहाल , क़त्आ बहुत शानदार है -
आज भी चुकता नहीं हो पाया क़र्ज़ा ज़ीस्त का
एक शे'र पेश-ए-ख़िदमत है जनाब
राजेन्द्र ऐशो - इश्रत से गुजारी ज़िंदगी हमने
हक़ीक़त ज़ीस्त की अब बेसरो - सामान समझेंगे
बहुत बहुत शुभकामनाओं के साथ
- राजेन्द्र स्वर्णकार
"किरदार अहम् है दुनिया में , ये नाम बदलते रहते हैं..."ये बात भी बहुत सही कह रहे हैं दानिश साहब.
'आज भी चुकता नहीं हो पाया क़र्ज़ा ज़ीस्त का
घट गया है और इक दिन , और मोहलत कम हुई'
-बहुत ही खूब !
चार पंक्तियाँ में एक कहानी ...
समझ आया आज आप का जन्मदिन है..
आप को इस दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.
लाजवाब पंक्तियाँ !
मुफलिस जी , शाम को ही पढ़ लिया था । और समझ भी गए थे कि शायद आप जन्मदिन मना रहे हैं । लेकिन थोडा शक भी था । जो आज हरकीरत जी की पोस्ट पढ़कर दूर हुआ ।
बड़ा निराला अंदाज़ है ये जन्मदिन मनाने का ।
आपको जन्मदिन की हार्दिक बधाई ।
घट गया है एक दिन .....
जी ...ये घटा हुआ दिन यूँ ही जाया नहीं हुआ .....एक वर्ष के सफ़र में कई बुलंदियों को छुआ है आपने ...
ये दिन तो यूँ ही घटते रहेंगे ....बस हमारे क़दमों के निशाँ बचे रहे .....
जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं .....
किरदार अहम् है दुनिया में , ये नाम बदलते रहते हैं..."
बेशक बदल जाये .....हम न तो 'दानिश' कहेंगे ....न 'डी. के. सचदेवा' ....हम तो मुफलिस जी ही कहेंगे .....
और सच्च कहूँ तो आज ब्लॉग में बदला हुआ नाम देख यूँ लगा जैसे उस नाम के साथ बहुत कुछ छूट गया .....
Bahut khoob sir,
jaisa "Heer" ji ke blog par aapko padha yahan waisa hi paya.. unhi ke blog se aaptak aane ka saubhagya mila.
aapki nazma aur uspar likhi naam ki bhumika bahut achchhi lagi.
Thanx
Ravi Rajbhar
जन्मदिन की शुभकामनायें ..
मुफ्लिस जी जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई।
घट गया है और इक दिन , और मोहलत कम हुई'
हर जन्म दिन पर यही लगता है कि एक साल और कम हो गया। लेकिन खुशी होती है कि हमने इतने साल का सफर कितनी जल्दी और अच्छी तरह पूरा किया। भगवान करे आने वाला समय भी इसी तरह हंसी खुशी मे बात जाये। एक बार फिर से बधाईयाँ, शुभकामनायें।
AAp jiyen hazaron saal / saal ke din hon pachaas hazaar !
Shubhkamnayen Muflis ji !
बहुत खूब...
जन्म दिन की शुभकामनाएं कबूल करें...
यह वर्ष आपके लेखन को और ऊँचाइयाँ प्रदान करें।
बहुत खूब...
जन्म दिन की शुभकामनाएं कबूल करें...
यह वर्ष आपके लेखन को और ऊँचाइयाँ प्रदान करें।
janmdin ki shubhkaamanye dost !!
"किरदार अहम् है दुनिया में , ये नाम बदलते रहते हैं"
लाजवाब पंक्तियाँ ......बहुत ख़ूब
जन्मदिन की अशेष शुभकामनाएं.
वैसे नाम में बहुत कुछ रक्खा है, ऐसा मुझे लगता है. चलिये चढते-चढते ये नाम भी चढ ही जायेगा जुबां पे.
जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें...
नाम से ही पहचान है !सुन्दर पोस्ट!!!
नाम में क्या रख्खा है और नाम में बहुत कुछ है वर्ना हम मुफलिस जी और दानिश जी को कैसे जानते जब कि दोनों ही शायर हैं किरदार भी तो जुडता है नाम से ।
जीस्त का कर्जा कब किसका चुकता हो पाया है हां मोहलत दिनोंदिन कम होती जाती है ।
बहुत सुंदर आलेख और दानिश जी की रुबाई(?) भी ।
जन्म दिन की शुभ कामनाएं आपकी लेखनी दिनो दिन परवान चढती रहे ।
आज तो हरकीरत जी का शुक्रिया कहूँ, आपको बधाई दूँ..शेष आपके त’आरुफ़ के बाद कहने को रह क्या जाता है मेरे लिए. :)
आभार!
मुफ़लिस जी जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई।
बहुत खूब .. ये उम्र भी जैसे इक सजा हो गयी ...
kamal ka लिखा है janaab आपने ...
Janamdin ki shubhkamnayein..
Bahut achhi lagi aapki yeh panktiyaan.
Khuda kare yeh ginti ulti daud pade aur waqt ... Apki umar daraaz ho
Arun
Bad rahi hai roshni chiraag ki
Kam ho raha hai tel jaise jaise
Aur bhi teekhe ho rahe hein tewar
Khatam hone ko hai khel jaise jaise
Utna hi hijar ka maza yaad aata hai
Gehraata hai unse mel jaise jaise
Zindgi talkh o tez ho rahi hai 'saahb'
Chhut rahi hai yeh rail jaise jaise
"किरदार अहम् है दुनिया में , ये नाम बदलते रहते हैं"
badhut acche.. naam kuch bhi ho insaan wahi rehna chahiye.. :)
वाह...
सचमुच क्या अंदाजे बयां है....
बधाईयाँ...सुखद जीवन के लिए शुभकामनाएं...
जन्मदिन मुबारक हो एवं सुन्दर रचना की बधाई।
waah waah .
किरदार अहम् है दुनिया में , ये नाम बदलते रहते हैं..."
जन्म दिन की ढेरों शुभकामनाएं. खूबसूरत प्रस्तुति के लिए आभार.
सादर,
डोरोथी.
जन्म दिन की ढेरों शुभकामनाएं. खूबसूरत प्रस्तुति के लिए आभार.
सादर,
डोरोथी.
आपको जन्म दिन विशेष के लिए ढेरो बधाई और शुभकामनाएं ...
अर्श
जनाब मुफलिश जी a/s दानिश जी,
अभी अभी हरकीरत 'हीर' जी का ब्लॉग देखा,पता चला कि 24 Nov. को आपका जन्म दिन था.आप उस रोज़ मेरे ब्लॉग पर आये और टिप्पणी भी की.मुझे वाक़ई पता नहीं था वरना मैं आपको उसकी बधाई उसी रोज़ ज़रूर देता. देर के लिए माफ़ करें और जन्म दिन पर मेरी बधाई स्वीकार करें. हाज़िर हैं मेरी निम्न पंक्तियाँ भी:-
हर पल खुशियाँ आस पास हों,कभी न हों नाशाद,
ऊपर वाले से भी मिलती रहे सदा इमदाद.
दूर बहुत हूँ करता रहता फिर भी हर दम याद,
जन्म दिवस पर क़ुबूल करिये मेरी मुबारकबाद.
हों सके तो अपनी e-mail id बताइयेगा.मेरी id मेरे ब्लॉग पर है.
कुँवर कुसुमेश .
"तेरे वुजूद से बाबस्ता है जो,नाम ही तो है
अगर ये नाम ना होता,कोई पहचान न होती
कोई आवाज़ फिर तुमको,कभी आवाज़ न देती
समझ लो ये भी तुम,फिर ज़िंदगी आसान न होती"
"रूप"
बहुत खूब .. परिचय भी और रचना भी ...
नाम में बहुत कुछ रखा है ! जन्मदिन पर सुंदर कविता ! दोनों की बधाई स्वीकारें !
जन्मदिन की शुभकामनायें .बहुत खूब परिचय और रचना भी .
.
सचमुच क्या अंदाजे बयां है
ब्लॉग को पढने और सराह कर उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया.
आज भी चुकता नहीं हो पाया क़र्ज़ा ज़ीस्त का
घट गया है और इक दिन , और मोहलत कम हुई
चार पंक्तियों में जीवन का गहन दर्शन अभिव्यक्त कर दिया.लाजवाब..आभार
मुफलिस बाऊ जी.... अरे नहीं!
दानिश बाऊ जी,
नमस्ते!
देर से ही सही, क़ुबूल फरमाएं,
जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ!
अब कभी जब घंटाघर आयें,
तो साक्षात् दर्शन दे कर जाएँ!
आशीष, फिल्लौर नहीं, लुधिआना.
---
नौकरी इज़ नौकरी!
आप के ब्लॉग के कई पोस्ट पढे बहुत अच्छा लगा..
और यह अंतिम पोस्ट तो बहुत खूबसूरत .....
बहुत अच्छा लगा ........
सुभान अल्लाह...मार डाला आपने...
नीरज
जनम दिन की बहुत बहुत शुभ कामनाएं...देर से ही सही...
सानु पता हुने ही चल्या...पैलां पता होंदा ते केक शेक खान आ जांदे...चलो अगले साल सही...
नीरज
अहा.............मज़ा आ गया.
ये चार मिसरे क़यामत ढा रहे हैं.
उफ़....क्या खींच-खीच मारा है....ये शेर तो सबके मिजाज़ पर भारी.....क्यूंकि इसका अर्थ सब पर ही तारी है......!!!
जाने कितने बड़े बड़े नाम आपने लिख डाले हैं...
नाम कि सफाई में....
par aap nahin jaante..ye hamaare liye kitnaa taqleef deh hai...
kaash...!!!
hamaaraa rutabaa bhi shekspiyar, khushwant singh,gulzaar saahab jaisaa kuchh hotaa....to
kabhi bhi aapko apnaa naam naa badalne dete
सुन्दर गजल के लिए बधाई!
व्यंग्यकार की हैसियत से एक
मुक्तक......
सदाचार
======
नेता की अय्यारी ने॥
अफ़सर की मक्कारी ने॥
सदाचार को दिया है-
गोली भ्रष्टाचारी ने॥
सुन्दर गजल के लिए बधाई!
व्यंग्यकार की हैसियत से एक
मुक्तक......
सदाचार
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नेता की अय्यारी ने॥
अफ़सर की मक्कारी ने॥
सदाचार को दिया है-
गोली भ्रष्टाचारी ने॥
"उम्र के हर मोड़ पर हमने दिए क्या-क्या जवाब
उम्र भर उसके सवालों की न शिद्दत कम हुई"
aur ab jawaab dene ki bhi zaroorat na rahi.....
bahut khoobsoorat...
shukriyaa..!!!!!!!!!!!!!!!
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