Wednesday, September 30, 2009

२ अक्तूबर का दिन भारत के इतिहास में ख़ास एहमियत रखता है
इस तिथि को हम सब राष्ट्र-पिता महात्मा गाँधी जी और हमारे
भूतपूर्व प्रधान-मंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री जी के जनम दिवस
के रूप में मनाते हैं....शास्त्री जी की सादगी और स्वाभिमान पर
और गाँधी जी के अहिंसा के सिद्धांत पर हम सब को गर्व है .......
महात्मा गाँधी जी के व्यक्तित्व को शब्दों में बाँधना आसान नही ।
एक गीतनुमा कविता प्रस्तुत है ..राष्ट्रपिता को श्रद्धांजली .....


गीत


भारत जब जब दोहराएगा आज़ादी के गान को
सब-जन तब-तब याद करेंगे बापू के बलिदान को


लन्गोती वाले बाबा की , ऐसी एक लड़ाई थी
ना गोला बरसाया कोई , ना तलवार चलाई थी
सत्य अहिंसा के बल पर दुश्मन को धूल चटाई थी
मन की ताक़त ही से उसने रोका हर तूफ़ान को
सब-जन तब-तब याद करेंगे बापू के बलिदान को...


सच की लाठी हाथों में ली, तन पर भक्ति का चोला
पाठ अहिंसा का सिखला कर हर मन में अमृत घोला
आज़ादी के रंग में रँग कर हर भारतवासी बोला
भारत माँ पर अर्पण कर देंगे हम अपनी जान को
सब-जन तब-तब याद करेंगे बापू के बलिदान को...


खादी के ताने-बाने से भारत का इतिहास रचा
हिंदू मुस्लिम सिख इसाई सब में इक विश्वास रचा
सहम गया कुख्यात फिरंगी ऐसा इक अभ्यास रचा
मान गया अंग्रेजी शासन बापू की पहचान को
सब-जन तब-तब याद करेंगे बापू के बलिदान को...


जिस गांधी ने सारे जग में हिन्दुस्तां का नाम किया
उस पर ही इक घातलगा कर अनहोनी ने काम किया
बापू ने बस राम कहा, चिर-निद्रा में विश्राम किया
वक्त नमन करता है हर पल सच्चाई की शान को
सब-जन तब-तब याद करेंगे बापू के बलिदान को .



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39 comments:

रश्मि प्रभा... said...

sabarmati ke sant tune kar diya kamaal.......
phulon ki sej chhodke daude jawaharlal.......
naman hai ahinsa ke dev ko

दर्पण साह said...

kya hum 'vyaktik vandana' se upar uth ke (ya aam bhasha main kahein to niche gir ke) sidhanto ko pooj paiyenge .
Even better...
kya unhein apna paaiyenge ?

दर्पण साह said...

"भारत माँ पर अर्पण कर देंगे हम अपनी जान को
सब-जन तब-तब याद करेंगे बापू के बलिदान को."

vah badhiya bhavabhivyakti aur sabse badiya baat aapki kavitaaon main lagti hai wo hai 'geyta'.

के सी said...

एक ज़माना हो गया इतना मौलिक गीत देखे हुए, कई तुक बाज ऐसे अवसरों पर आते हैं और वही बासी शब्द वही पुराना शिल्प कि गीत और कविता कम जबकि नारे ज्यादा सुनाई देते हैं. आपने बहुत सुंदर लिखा है. बधाई !

दिगम्बर नासवा said...

नमस्कार मुफलिस जी .......... भूत समय बाद आपकी एक लाजवाब संजीदा रचना पढने को मिली .......... बापू को समर्पित आँखें खोलने वाला गीत है ......... आज हमें फिर से बापू की सादगी, स्नेह और अहिंसा की जरूरत है ......

डिम्पल मल्होत्रा said...

मान गया अंग्रेजी शासन बापू की पहचान को
सब-जन तब-तब याद करेंगे बापू के बलिदान को..de di azadi hume bina khadag bina daal....happy gandhi jayanti...

vijay kumar sappatti said...

Gandhi ji ke baare me jitna bhi kaha jaaye wo kam hai .. aapki sashakt lekhni se nikli hui ek jaandar rachna ..jo hame ye yaad dilati hai ki azaadi kitni mushkilo se mili hai ..

aapko koti koti badhai is rachna ke liye , maine iska print nikala hai apne bacho ke liye ,agar awsar mila to use wo school me gaayenge ..

dhanyawad.
aapka
vijay

डॉ टी एस दराल said...

जब-जब भारत दोहराएगा आज़ादी के गान को
सब-जन तब-तब याद करेंगे बापू के बलिदान को

बापू पर बहुत प्यारा गीत लिखा है. बधाई

vandana gupta said...

bahut hi shandar ,prernadayi geet racha hai...........aapki lekhni ko naman hai.
mahatma gandhi to sabke adarsh rahe hain aur rahenge.........gandhiji ko koti koti naman.

"अर्श" said...

अगर कहूँ के बचपन के दिन याद आगये तो गलत ना होगा लगभग ऐसे ही निश्छल और सत्य गीत गाते थे हमेशा ही अपने स्कूल के दिनों में ... बहुत ही खुबसूरत देश प्रेम से ओतप्रोत गीत ... अब आगे आपके लेखनी के बारे में कहूँ तो मुझे खुद ही शर्म आणि चाहिए... सलाम

अर्श

दर्पण साह said...

Gandhi jayanti aur Lal Bahadur Shashtri Jayanti par dono mahapurshoon ko Shridhanjali.

Kavita jitne baar padho unti naar badhiya lagti hai....

...aur alka blog quantity aur quality ke beech ke difference ko hamesha hi dikhata hai !!

manu said...

खादी के ताने-बाने से भारत का इतिहास रचा
हिंदू मुस्लिम सिख इसाई सब में इक विश्वास रचा
सहम गया कुख्यात फिरंगी ऐसा इक अभ्यास रचा

बहुत सुंदर शब्द कहे मुफलिस जी...
और हाँ हुजूर....

'लन्गोटी' ही पढ़ रहे हैं...
बापू और शास्त्री जी के जन्मदिवस पर सभी को बधाई..

संजीव गौतम said...

बडे भाई नमस्कार
बेहद सरल और तरल गीत बिल्कुल बापू की तरह.

kshama said...

आपने तो "साबरमती के संत ' इस गीत की याद दिला दी ...वह ! आज बापू कोई इसतरह याद कर्ता है ...आँखें नम हो आयीं ..उनकी मौतके बरसों बाद मेरा जनम हुआ ...लेकिन मुझे आज अपने पिता , गुरु ,रहनुमा सब कुछ वही लगते हैं ...ऐसा इंसान..'न भूतो न भविष्यती...' दूसरा मोहन, दूसरा रखवाला भारतके किस्मत में नहीं...और देशकी क़िस्मत हम नहीं तो और कौन बनाता है...???
ओह ..'साबरमती के संत ' रश्मी जी को भी इस गीत की याद आ गयी...

kshama said...

"Simte lamhen" pe comment ke liye tahe dilse shukriya!

सर्वत एम० said...

गांधी को इतनी अच्छी श्रद्धांजली बहुत अरसे बाद मिली, कम से कम मेरी निगाह में. गीत की तारीफ नहीं करूंगा क्योंकि जो लोग बहुत अच्छा लिख रहे हैं उनकी कितनी तारीफ की जाए.

Mumukshh Ki Rachanain said...

जब-जब भारत दोहराएगा आज़ादी के गान को
सब-जन तब-तब याद करेंगे बापू के बलिदान को

बहुत प्यारा गीत लिख दिया आपने गाँधी जी पर.
सच्चे अर्थों में सच्चा, सम्मानजनक, प्रेरणादायक, कालजयी नमन प्रस्तुत किया है आपने राष्ट्रपिता को..

ऐसे बढ़िया गीत के गीतकार को भी सादर नमन.

चन्द्र मोहन गुप्त
जयपुर
www.cmgupta.blogspot.com

Harshvardhan said...

bahut sundar hum bhi naman karte hai.........

शोभना चौरे said...

bahut sundar geet .

अशरफुल निशा said...

गांधी जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं।
Think Scientific Act Scientific

Ria Sharma said...

सब-जन तब-तब याद करेंगे बापू के बलिदान को...

याद रखना बेहद ज़रूरी है..

सुन्दर काव्यात्मक प्रस्तुति !!

मनोज भारती said...

गांधी जी को स्नेहपूर्ण श्रद्धांजलि
आपकी इस कविता ने उनकी शिक्षाओं, बलिदान और संदेश को बखूबी बहुत ही खूबसूरती से प्रस्तुत किया है ।

गूंजअनुगूंज पर आने और सटीक टिप्पणी देने के लिए धन्यवाद !

स्वप्न मञ्जूषा said...

सच की लाठी हाथों में ली, तन पर भक्ति का चोला
पाठ अहिंसा का सिखला कर हर मन में अमृत घोला
आज़ादी के रंग में रँग कर हर भारतवासी बोला
भारत माँ पर अर्पण कर देंगे हम अपनी जान को
सब-जन तब-तब याद करेंगे बापू के बलिदान को...
Muflis sahab,
namskaar,
rashtrapita mahatma gandhi ke naam desh ko aapka paigam sabne saraha hai...aap dekh hi rahe hain logon ki tipaani...
ham bhi inke saath hain..
badhai sweekar kijiye..

मुकेश कुमार तिवारी said...

मुफ्लिस साहब,

ना जाने कितनी मुद्दतों के बाद कोई कविता/गीत उसी अंदाज का पढ़ने को मिला जो कि फिल्म गीतकार और कवि श्री स्व.पंडित प्रदीप जी का था।

मुझे तो आप बचपन में ले गये जब २६ जनेवरी / १५ अगस्त को गली गली गूंजते थे गीत " दे दी हमें आजादी बिना खड़्ग बिना ढाल, साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल"

बहुत ही अच्छा गीत।

सादर नमन बापू!!!


मुकेश कुमार तिवारी

sandhyagupta said...

Geet ne dil ko chua.Bapu ko shat shat naman.

हरकीरत ' हीर' said...

वक्त नमन करता है हर पल सच्चाई की शान को
सब-जन तब-तब याद करेंगे बापू के बलिदान को .

देर से आई ....क्षमा....!!

गाँधी जयंती पर इस छंदबद्ध सुंदर रचना के लिए शुक्रिया .....!!

monali said...

Hausla afzaayi k liye dhanyavaad...sath hi aapke blog ko padhne ka avsar dilaane k liye bhi...

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

gandhi jayanti par bahut khoobsurat rachna prastut ki hai...bahut bahut badhai

shikha varshney said...

बापू पर इतनी प्रभावशाली रचना नहीं पड़ी मैने बहुत शुभ कामनाएं...
स्पंदन में आकर होसला अफजाई करने का बहुत शुक्रिया

Smart Indian said...

गांधी जी को नमन!

गौतम राजऋषि said...

अरे ये अनूठा गीत तो अभी तक छुपा ही हुआ था मेरी नजरों से।

यूं गीत जिन पे केंद्रित है उनका लिखा सब कुछ पढने के बाद और उन पर लिखा बहुत कुछ पढ़ने के बाद, विगत कई सालों से उनसे मतभेद है अपना...लेकिन आपके लिखे को सलाम!

योगेन्द्र मौदगिल said...

बेहतरीन रचना. वाहवा.. वाहवा...

Smart Indian said...

दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं!

Yogesh Verma Swapn said...

आपको और आपके परिवार को दीपावली की मंगल कामनाएं.

manu said...

हुजूर...
दिवाली की मुबारक हो आप को पूरे परिवार को एवं सभी पाठकों को....
huzoooooooooooR

Dev said...

WiSh U VeRY HaPpY DiPaWaLi.......

shikha varshney said...

de di hane aajadi bina khadg bina dhaal............
baapu ko bahut sunder shradhanjali di hai aapne...bahut prabhavi panktiyan hain.badhai aapko

इस्मत ज़ैदी said...

muflis sahab, bahut bahut mubarak ho, aaj ke daur men 'bapu' ko is tarah yaad karne wale bahut kam bache hain, ab unki ahinsa ko kayarta ka naam diya jaane laga hai .aap ne ye diya roshan rakha hai is liye badhai ke patra hain.

Razi Shahab said...

achcha behtareen